Difference between home loan and plot loan In Hindi
आजकल भारत में घर खरीदने के लिए दो तरह के विकल्प होते हैं। आवासीय भूखंड और निर्माणाधीन संपत्ति। वित्तीय संस्थानों द्वारा आवासीय भूखंड या आवासीय संपत्ति दोनों को खरीदने के लिए ऋण लिया जा सकता हैं। हालाँकि प्लॉट लोन या होम लोन दोनों सुनने में समान लग सकते हैं। लेकिन हम आपको इस पोस्ट के जरिए दोनों के मध्य कुछ अंतर बताने जा रहे हैं।
ऋण के प्रकार
होम लोन और प्लॉट लोन के बीच अंतर यह हैं की प्लॉट लोन आवासीय भूमि खरीदने के लिए लिया जाता है जबकि होम लोन आवासीय निर्माण या संपत्ति खरीदने के लिए लिया जाता हैं। आपके द्वारा प्लॉट लोन से जो प्लॉट खरीदा जाता है, उसमें रहने का कोई निश्चित समय नहीं होता हैं। हम किसी भी आवासीय भवन के निर्माण या आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए ऋण राशि का उपयोग कर सकते हैं।
संपत्ति के प्रकार
होम लोन केवल आपको आवासीय संपत्ति पर दिया जा सकता हैं। यह ऋण आवासीय संपत्ति के लिए योग्य हैं। वह आवासीय संपत्तियाँ जो बिल्डर फ्लैटों, या सरकार द्वारा अनुमोदित आवासीय योजनाओं के तहत होती हैं उन पर आसानी से ऋण लिया जा सकता हैं। यदि आप किसी कृषि या औद्योगिक संपत्ति पर होम लोन लेना चाहते हो तो आपको होम लोन नहीं दिया जायेगा। क्योंकि होम लोन लेने के लिए भूखंड का स्थान नगरपालिका या शहर की सीमा के भीतर होना चाहिए न ही किसी गाँव में होना चाहिए। और इसके अलावा कृषि या औद्योगिक भूमि खरीदने के लिए होम लोन नहीं लिया जा सकता हैं।
लोन टू वैल्यू (LTV)
लोन टू वैल्यू (LTV) किसी प्रॉपर्टी पर ली गई लोन राशि है। LTV प्लॉट लोन से ज्यादा है, इस हाउसिंग के तहत, LTV 30 लाख के लोन पर 90% तक लोन देती है। जबकि यह प्लॉट लोन पर 70% तक सीमित है। Difference between home loan and plot loan In Hindi
कर लाभ
आवेदक पूरी तरह से निर्मित आवासीय संपत्ति पर प्राप्त होम लोन के मामले में ब्याज भुगतान और मूल राशि पर कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यकाल
ऋण अवधि और EMI किसी भी ऋण आवेदन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्लॉट लोन की तुलना में होम लोन का कार्यकाल अधिक होता है। होम लोन के लिए कार्यकाल 30 साल तक (कुछ मामलों में) हो सकता है। जबकि प्लॉट लोन के लिए अधिकतम कार्यकाल 15 साल तक हो सकता है।